जब कोई आवाज़ नहीं सुनाई देती है मुझे
पर मेरी सांसो की आवाज़ भी आती है मुझे
जब घड़ी की टिक टिक भी कानों में चुभती है मेरे
जब गाड़ियों की आवाज़ भी खटकती है मुझे
शून्य में ताकती ये मेरी नज़रें
न जाने क्या खोजती हैं
अंधेरों से दोस्ती कर मेरी आंखे
बस यही पूछती हैं कि जब............
कभी रातों में ख्वाबों को
तो कभी ख्वाबों में रातों को
जब जीता है हर कोई
फिर भी न जाने क्यों अंधेरों को कोसता है हर कोई?
जब भावनाए बरबस शब्दों में ढल जाती हैं
जब कविता दिल से गाई जाती है
जब नए सृजन के बीज बोए जाते हैं
अपनी कल्पनाओं को मूर्त रूप दिए जाते हैं..
जब रोशनी आंखों में चुभने सी लगती है
रात जब सुबह से सुहानी लगती है
जब घूम घूम कर सन्नाटे को खोजता है हर कोई
फिर भी न जाने क्यों अंधेरे को कोसता है हर कोई..
फिर भी न जाने...............................................
अंधेरों से दोस्ती कर मेरी आंखे
ReplyDeleteबस यही पूछती हैं कि जब............
कभी रातों में ख्वाबों को
तो कभी ख्वाबों में रातों को
जीता है हर कोई
फिर भी न जाने क्यों अंधेरों को कोसता है हर कोई?
सटीक बात काही है ... कभी कभी अंधेरे ही आगे बढ्ने का हौसला देते हैं ...सुंदर रचना
nice poem very good feeling
ReplyDeleteI Love the light for it shows me the way, yet I will endure the darkness because it shows me the stars.
ReplyDeleteशून्य में ताकती ये मेरी नज़रें
ReplyDeleteन जाने क्या खोजती हैं
अंधेरों से दोस्ती कर मेरी आंखे
बस यही पूछती हैं कि जब..
सुंदर भावो से लिखी खुबशुरत पंक्तियाँ....सटीक सुंदर रचना के लिए बधाई.....
काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
पश्यंती जी, आपका अंदाजे बयां लाजवाब है। और सवाल तो खैर महत्वपूर्ण है ही। बधाई।
ReplyDelete------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
बहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteसादर
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‘जो मेरा मन कहे’ पर आपका स्वागत है
अँधेरे से घबराता है दिल
ReplyDeleteशून्य का कोलाहल डराता है
तो अँधेरे को कोसता है कोई न कोई
जब घूम घूम कर सन्नाटे को खोजता है हर कोई
ReplyDeleteफिर भी न जाने क्यों अंधेरे को कोसता है हर कोई..
फिर भी न जाने...............................................
Wah!
अंधेरे को कोसते क्यों हो एक दिया जला कर तो देखो।
ReplyDeleteजब घूम घूम कर सन्नाटे को खोजता है हर कोई
ReplyDeleteफिर भी न जाने क्यों अंधेरे को कोसता है हर कोई..
waah kya baat hai .behtreen peshaksh Appke naam ke anurup hi
मन की बात बताती समझाती पंक्तियाँ .....उम्दा प्रस्तुति .....
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तुति .....साधु http://sagargsm.com/
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