Thursday, June 24, 2010

.क्या कड़ा कानून रोक पायेगा ‘ऑनर किलिंग’ को


कोई भाषण नहीं देना चाहती, कोई ज्ञान बांटने की इच्छा भी नहीं है लेकिन एक सवाल है मन में जिसका जवाब ढूंढ रही हूं...दिल्ली में दिल दहला देने वाली ऑनर किलिंग हुई......भाईयों ने बहनों की हत्या कर दी बहुत कुछ कहा गया..रक्षाबंधन का खून, हॉरर किलर, खून का खून, कलयुगी भाई और न जाने क्या क्या, हत्या इतनी निर्ममता से की कि ये उपमाएं तो मिलनी ही थी...20 जून को अंकित, नकुल और मंदीप ने अपनी बहनों का खून कर दिया क्योंकि उन्होने रिवाजों के खिलाफ जाकर गैर जातीय विवाह किया, तमाम बातें हुईं कड़ा कानून बनाने की, हत्यारों को मौत की सज़ा दिलवाने की ......हत्यारे पुलिस से बचकर भागते रहे और मै समझने की कोशिश करती रही कि आखिर कैसे किसी भाई के सिर पर अपनी ही बहन का खून करने का जुनून कुछ इस तरह सवार हो गया कि वो ये भूल गया कि मौत का ये तांडव रचने के बाद उसे सारी जिंदगी सलाखों के पीछे बितानी पड़ेगी, समाज में जिस बदनामी का बदला लेने के लिए उन्होने ये खून किया उस समाज में इज्जत से जीने का एक भी मौका उन्हे कानून शायद कभी नहीं देगा...
  अंकित मनदीप और नकुल आज पुलिस की गिरफ्त में हैं जहां से शायद कभी बाहर नहीं निकल पायेंगे सरकार ने कड़ा कानून बनाने की बात भी कही, महिला आयोग ने कहा कि सज़ा इतनी कड़ी हो ताकि दुबारा किसी की हिम्मत इज्जत की खातिर खून करने की न हो लेकिन मेरे मन में एक सवाल है क्या कोई भी कड़ा कानून हमें इस दकियानूसी विचारधारा से निजात दिला पायेगा..क्योकिं घंटो टीवी पर खड़े होकर भाइयों के इस कुकृत्य को कोसने वाले भी पीठ पीछे यही कहते फिरते हैं कि जो हुआ ठीक ही हुआ, जिसकी बहन ने भाग कर शादी कर ली हो उससे पूछो लेकिन उससे मत पूछो जिन्होने मजबूर किया भागने के लिए...........कानून अगर हर चीज़ का हल होता तो शायद दहेज जैसी कुप्रथा तो कब की खत्म हो गई होती क्योंकि उससे कड़ी सज़ा तो हत्या को छोड़कर शायद ही किसी अपराध के लिए कानून मुकर्रर करता हो...
मै ये नहीं कहूंगी कि सोच बदलने की जरुरत है क्योंकि शायद ये एक उपदेश सा लगेगा लेकिन आप लोंगो के पास कोई जवाब हो तो जरुर दीजिएगा कि आखिर जरुरत है किस बात की और जिस बात की जरुरत है वो पूरी कैसे की जायेगी क्योंकि कहने से न तो सोच बदलेगी, न ही कानून से परंपरायें और न ही परंपराओं के डर से प्रेम और जहां प्रेम होगा उसे विवाह के पवित्र बंधन में बंधने से कौन रोकेगा........?