आज आफ था, बहुत सारे विषय दिमाग में आ रहे थे जिन पर अपनी भड़ास निकालने का मन हो रहा था..लेकिन ये हो न सका...
दरअसल हुआ यूं कि कुछ लिखती उससे पहले ही पढ़ना शुरु कर दिया.रवीश सर के ब्लाग पर बिहार का हाल जाना, आशुतोष जी के ब्लाग से अमिताभ और कांग्रेस की लड़ाई की असल वजह समझी, हांलाकि सुबह भास्कर में उनका लेख पहले ही पढ़ लिया था...फिर गल्ती से टीवी खोल लिया और सानिया और शोएब की शादी में दिलचस्पी आने लगी......अभी फिर से लिखने की सोच रही थी कि ट्विटर अपडेट्स पर राजदीप सर का 'take a chill pill' देखा, पढा तो जाना कि उन्होने लिखा था कि कैसे अब खेल और शादी के बहाने देश की सीमाएं पार होंगी..उन्होने तो एक लाइन लिखी लेकिन मै फिर सोचने लगी कि कैसे सानिया की शादी टूटी और शोएब की सगाई..मन को समझाया और एकाग्र होने की नसीहत दी...फिर लिखने बैठी..अभी कम्पोज पर क्लिक ही किया था कि एऩडीटीवी के अखिलेश सर का कमेंट पढते पढते उनका ब्लाग 'मेरी कही' देखा, नाम बड़ा इंन्ट्रेस्टिंग लगा 'मेरी कही' आखिर 'अनकही' से मिलता जो था...विजि़ट किया तो वहां मजहदी और बिरजू पर लेख पढ़कर सोच में चली गई...और अभी सोच से उबरी हूं ..
अब रात का 1 बज गया है, दिन बीत गया और अब आधी रात भी बीत चुकी है, जाहिर है अगला दिन भी लग गया होगा.... सारी भड़ास निकलने से पहले पेट में ही पच गई ....और मै सोचती रह गई.
wow ab pata hi nahi chal raha ki soch kya rahi thi aap..............
ReplyDeletekhair jo bhi hai kuch nai interesting news to ghar baithe hi collect karli .....
good job done reporter ji......
क्या सोच रही थी लिखने की...लेकिन बड़ो के ज्ञान के समंदर से मोती ही चुनती रह गई
ReplyDeleteI KNW U LL DELETE IT AGAIN...BUT U R VERY CREATIVE..PEHLE SE HI THI AB TO AUR BHI HO GAI HO..GOD BLESS U DEAR!!!
ReplyDeleteबढ़िया शुरुआत,
ReplyDeleteअनकही को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद.
हमारी अनकही पर एक बार जरूर टहलें.
kyaa baat hai............
ReplyDeleteaisi ankahi ki khub kahi lekin khuchh na kahi ......
ReplyDeleteapka andje-bayan to kafi dilchasp hai....isi tarh kuchh ankahi me kuchh to kahiye...
मेरी कही और अनकही दोनों नाम मिलते जुलते हैं. मेरे ब्लॉग का स्लोगन है सबकी सुनी फिर अपनी कही. आपके ब्लॉग का हो सकता है जो न देखी न सुनी ऐसी अनकही. हा हा हा.
ReplyDeleteIntezaar rahega aapki agli post ka!
ReplyDeleteAapne to aajhi bada achha likh dala!
ReplyDeletehahaha....aksar aisa ho jaata hai....
ReplyDeletelekin baaton hi baaton me bahut kuch likh daala aapne...
aapki agli post ka intzaar rahega...
kabhi mere blog par bhi aayein.....
http://i555.blogspot.com/
सोचने की खातिर सोचते रहें
ReplyDeleteकभी तो सोंच को शब्द मिलेंगे
बहुत अच्छा लिखा आपने...
ReplyDelete_______
"पाखी की दुनिया" में इस बार "अंडमान में रिमझिम-रिमझिम बारिश"
पढ़कर अच्छा लगा
ReplyDeletethats grt dear
ReplyDeleteपढ़कर अच्छा लगा
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